Essay on Dussehra (Durga Puja) in Hindi

दशहरा/दुर्गा-पूजा पर निबंध | Essay on Dussehra/Durga Puja

● हमारे देश में बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं। उनमें से दशहरा भी एक प्रसिद्ध त्योहार है, जो प्रायः अक्तूबर मास में मनाया जाता है।
● इस त्योहार को मनाने के पीछे यह कथा प्रचलित है कि रावण लंका का राजा था। वह बहुत विद्वान था। परन्तु उसको अपनी शक्ति का बहुत अभिमान था।
● श्री राम के वनवास के दिनों में, रावण छल से सीता जी को पकड़ कर ले गया।
● श्री राम ने हनुमान और सुग्रीव आदि मित्रों की सहायता से लंका पर हमला कर दिया।
● दशहरे से नौ दिन पहले नगरों में रामलीला होती है। जिस में श्री राम जी के जीवन की यही कहानी नाटक के रूप में प्रस्तुत की जाती है।
● दशहरा रामलीला का आखिरी दिन होता है। इस दिन स्थान-स्थान पर मेले लगते हैं।
● लोग टोलियों में मेला देखने जाते हैं।
● इस दिन रावण, कुंभकर्ण तथा मेघनाद के पुतले बनाए जाते हैं।
● इनके अंदर बड़े-बड़े पटाख़े लगाए जाते हैं। सायंकाल के समय राम और रावण के दलों में बनावटी लड़ाई होती है।
● अंत में श्री राम जी ने रावण पर युद्ध में विजय प्राप्त की, ऐसा दर्शाया जाता है। फिर तीनों के पुतलों को आग लगाई जाती है, जिससे पटाख़े फूट पड़ते हैं।
● चारों तरफ बुराई पर अच्छाई की विजय की ख़ुशी का वातावरण छा जाता है।
● सड़कों पर भिन्न-भिन्न वस्तुओं के स्टाॅल लगे होते हैं।
● सभी लोग मिठाइयाँ, खिलौने आदि लेकर घरों को लौटते हैं।
● पंजाब में इस त्योहार की ख़ास मिठाई जलेबी मानी जाती है।
● बंगाल में दशहरे के दिन दुर्गा माता की मूर्ति का पूजन, बाद में उनका जल-विसर्जन किया जाता है, वहाँ इसे दुर्गा-पूजा के रूप में मनाया जाता है।
● हिमाचल प्रदेश में कुल्लू का दशहरा भी बहुत प्रसिद्ध है।
● दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय का त्योहार है इसलिए इसे विजय दशमी भी कहते हैं।
● यह त्योहर हमें अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा करने की, अत्याचारों के समक्ष न झुकने की प्ररेणा देता है।
● यह त्योहार क्रूरता व अन्य सामाजिक, बुराइयों को सहन न करने का संदेश भी देता है।

Contributed by: Sudha Jain

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